Saturday, August 16, 2008

O MERE SHAH-E-KHUBAN O MERI JANE JANANA

ओ मेरे शाह-ऐ-खुबान ओ मेरी जाने जनना

तुम मेरे पास होते हो कोई दूसरा नहीं होता

तुम मेरे पास होते हो कोई दूसरा नहीं होता

ओ मेरे शाह-ऐ-खुबान ओ मेरी जाने जनना

तुम मेरे पास होते हो कोई दूसरा नहीं होता

सब ख्यालों की धुप ढलती है

हर क़दम पर शमा सी जलती है

मेरा साया जिधर भी जाता है

तेरी तस्वीर साथ चलती है

ओ मेरे शाह-ऐ-खुबान ओ मेरी जाने जनना

तुम मेरे पास होते हो कोई दूसरा नहीं होता

तुम मेरे पास होते हो कोई दूसरा नहीं होता

तुम हो शेहरा में तुम गुलिस्तान में

तुम हो ज़र्रों में तुम बियान बान में

मैंने तुमको कहाँ कहाँ देखा

छुप के रहते हो तुम रगेजान में

ओ मेरे शाह-ऐ-खुबान ओ मेरी जाने जनना

तुम मेरे पास होते हो कोई दूसरा नहीं होता

तुम मेरे पास होते हो कोई दूसरा नहीं होता

मेरी आंखों की जुत्स्जू तुम हो

इल्तेजा तुम हो आरजू तुम हो

मैं किसी और को तो क्या जानू

मेरी उल्फत की आबरू तुम हो

ओ मेरे शाह-ऐ-खुबान ओ मेरी जाने जनना

तुम मेरे पास होते हो कोई दूसरा नहीं होता

तुम मेरे पास होते हो कोई दूसरा नहीं होता


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