Saturday, August 16, 2008

तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है

तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है

तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है

यह उठे सुबह चले यह झुके शाम ढले

मेरा जीना मेरा मरना इन्ही पलकों के तले

तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है

पलकों की गलियों में चेहरे बहारों के हस्ते हुए

हैं मेरे ख्वाबों के क्या क्या नगर इन में बसते हुए

पलकों की गलियों में चेहरे बहारों के हस्ते हुए

यह उठे सुबह चले यह झुके शाम ढले

मेरा जीना मेरा मरना इन्ही पलकों के तले

तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है

इन में मेरे आने वाले ज़माने की तस्वीर है

चाहत के काजल से लिखी हुई मेरी तकदीर है

इन में मेरे आने वाले ज़माने की तस्वीर है

यह उठे सुबह चले यह झुके शाम ढले

मेरा जीना मेरा मरना इन्ही पलकों के तले

तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है

यह उठे सुबह चले यह झुके शाम ढले

मेरा जीना मेरा मरना इन्ही पलकों के तले

तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है

तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है

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