ज़िंदगी भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात
एक अनजान हसीना से मुलाक़ात की रात
ज़िंदगी भर नहीं भूलेगी
हाए वो रेशमी जुल्फों से बरसता पानी
हाए वो रेशमी जुल्फों से बरसता पानी
फूल से गालों पेः रुकने को तरसता पानी
दिल में तूफ़ान उठाते हुए दिल में तूफ़ान उठाते हुए
जज्बात की रात ज़िंदगी भर नहीं भूलेगी
डर के बिजली से अचानक वो लिपटना उसका
और फिर शर्म से बलखा के सिमटना उसका
कभी देखी न सुनी ऐसी हो
कभी देखी न सुनी ऐसी तिलिस्मात की रात
ज़िंदगी भर नहीं भूलेगी
सुर्ख आँचल को दबा कर जो निचोडा उसने
सुर्ख आँचल को दबा कर जो निचोडा उसने
दिल पेः जलता हुआ एक तीर सा छोड़ा उसने
आग पानी में लगाते हुए
आग पानी में लगाते हुए हालात की रात
ज़िंदगी भर नहीं भूलेगी
मेरे नग्मों में जो बसती है वो तस्वीर थी वो
नौजवानी के हसीन ख्वाब की ताबीर थी वो
आसमानों से उतर आई हो
आसमानों से उतर आई थी जो रात की रात
ज़िंदगी भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात
ज़िंदगी भर नहीं भूलेगी
फ़िल्म : बरसात की रात (१९६०)
गायक : मोहम्मद रफी
संगीतकार : रोशन
गीतकार : साहिर
साल : १९६०
प्रोड्यूसर : श्री विश्वभार्थी फिल्म्स
निर्देशक : पी. एल. संतोषी
अभिनेता : भारत भूषण, मधुबाला, श्यामा
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