तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है
तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है
यह उठे सुबह चले यह झुके शाम ढले
मेरा जीना मेरा मरना इन्ही पलकों के तले
तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है
पलकों की गलियों में चेहरे बहारों के हस्ते हुए
हैं मेरे ख्वाबों के क्या क्या नगर इन में बसते हुए
पलकों की गलियों में चेहरे बहारों के हस्ते हुए
यह उठे सुबह चले यह झुके शाम ढले
मेरा जीना मेरा मरना इन्ही पलकों के तले
तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है
इन में मेरे आने वाले ज़माने की तस्वीर है
चाहत के काजल से लिखी हुई मेरी तकदीर है
इन में मेरे आने वाले ज़माने की तस्वीर है
यह उठे सुबह चले यह झुके शाम ढले
मेरा जीना मेरा मरना इन्ही पलकों के तले
तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है
यह उठे सुबह चले यह झुके शाम ढले
मेरा जीना मेरा मरना इन्ही पलकों के तले
तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है
तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है
No comments:
Post a Comment