Thursday, July 31, 2008

RAAT BHAR KA HAI MEHMAAN ANDHERA

मौत कभी भी मिल सकती है

लेकिन जीवन कल मिलेगा

मरनेवाले सोच समझ ले

फिर तुझ को येः पल मिलेगा


रात भर का है मेहमान अँधेरा

किस के रोके रुका है सवेरा

रात भर का है मेहमान अँधेरा

किस के रोके रुका है सवेरा

रात भर का है मेहमान अँधेरा


रात जितनी भी संगीन होगी

सुबह उतनी ही रंगीन होगी

रात जितनी भी संगीन होगी

सुबह उतनी ही रंगीन होगी

ग़म कर डर है बादल घनेरा


किसके रोके रुका है सवेरा

रात भर का है मेहमान अँधेरा


लब पेह शिकवा ला अश्क पी ले

जिस तरह भी हो कुछ देर जी ले

लब पेह शिकवा ला अश्क पी ले

जिस तरह भी हो कुछ देर जी ले

अब उखड़ने को है ग़म का डेरा


किसके रोके रुका है सवेरा

रात भर का है मेहमान अँधेरा


कोई मिल के तदबीर सोचे

सुख के सपनों की ताबीर सोचे

कोई मिल के तदबीर सोचे

सुख के सपनों की ताबीर सोचे

जो तेरा है वोही ग़म है मेरा


किसके रोके रुका है सवेरा

रात भर का है मेहमान अँधेरा

किसके रोके रुका है सवेरा