Saturday, August 16, 2008

JANAM JANAM KA SAATH HAI NIBHANE KO

जनम जनम का साथ है निभाने को

सौ सौ बार मैंने जनम लिए

जनम जनम का साथ है निभाने को

सौ सौ बार मैंने जनम लिए

जनम जनम का साथ है निभाने को

सौ सौ बार मैंने जनम लिए

प्यार अमर है दुनिया में

प्यार कभी नहीं मरता है

प्यार अमर है दुनिया में

प्यार कभी नहीं मरता है

मौत बदन को आती है

रूह का जलवा रहता है

जनम जनम का साथ है निभाने को

सौ सौ बार मैंने जनम लिए

जनम जनम का साथ है निभाने को

सौ सौ बार मैंने जनम लिए

ओ शेह्जादी सपनों की

इतनी तू हैरान न हो

ओ शेह्जादी सपनों की

इतनी तू हैरान न हो

मैं भी तेरा सपना हूँ

जान मुझे अनजान न हो

जनम जनम का साथ है निभाने को

सौ सौ बार मैंने जनम लिए

जनम जनम का साथ है निभाने को

सौ सौ बार मैंने जनम लिए

तू मंजिल मैं राही हूँ

एक दिन तुझ को पाऊँगा

तू मंजिल मैं राही हूँ

एक दिन तुझ को पाऊँगा

कौन मुझे अब रोकेगा

हर दम यूँही आऊंगा

जनम जनम का साथ है निभाने को

सौ सौ बार मैंने जनम लिए

जनम जनम का साथ है निभाने को

सौ सौ बार मैंने जनम लिए

जनम जनम का साथ है निभाने को

सौ सौ बार मैंने जनम लिए

O MERE SHAH-E-KHUBAN O MERI JANE JANANA

ओ मेरे शाह-ऐ-खुबान ओ मेरी जाने जनना

तुम मेरे पास होते हो कोई दूसरा नहीं होता

तुम मेरे पास होते हो कोई दूसरा नहीं होता

ओ मेरे शाह-ऐ-खुबान ओ मेरी जाने जनना

तुम मेरे पास होते हो कोई दूसरा नहीं होता

सब ख्यालों की धुप ढलती है

हर क़दम पर शमा सी जलती है

मेरा साया जिधर भी जाता है

तेरी तस्वीर साथ चलती है

ओ मेरे शाह-ऐ-खुबान ओ मेरी जाने जनना

तुम मेरे पास होते हो कोई दूसरा नहीं होता

तुम मेरे पास होते हो कोई दूसरा नहीं होता

तुम हो शेहरा में तुम गुलिस्तान में

तुम हो ज़र्रों में तुम बियान बान में

मैंने तुमको कहाँ कहाँ देखा

छुप के रहते हो तुम रगेजान में

ओ मेरे शाह-ऐ-खुबान ओ मेरी जाने जनना

तुम मेरे पास होते हो कोई दूसरा नहीं होता

तुम मेरे पास होते हो कोई दूसरा नहीं होता

मेरी आंखों की जुत्स्जू तुम हो

इल्तेजा तुम हो आरजू तुम हो

मैं किसी और को तो क्या जानू

मेरी उल्फत की आबरू तुम हो

ओ मेरे शाह-ऐ-खुबान ओ मेरी जाने जनना

तुम मेरे पास होते हो कोई दूसरा नहीं होता

तुम मेरे पास होते हो कोई दूसरा नहीं होता


AJI HUM SE BACH KAR KAHAN JAIYEGA

अजी हम से बच कर कहाँ जाइयेगा

जहाँ जाइयेगा हमें पाइयेगा

अजी हम से बच कर

येः कैसा नशा है येः कैसा असर है

न काबू में दिल है न बस में नज़र है

ज़रा होश आ ले चले जाइयेगा

ज़रा होश आ ले चले जाइयेगा

ठहर जाइयेगा ठहर जाइयेगा

अजी हम से बच कर कहाँ जाइयेगा

जहाँ जियेगा हमें पाइयेगा

अजी हम से बच कर कहाँ जाइयेगा

जहाँ जाइयेगा हमें पाइयेगा

अजी हम से बच कर

तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है

तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है

तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है

यह उठे सुबह चले यह झुके शाम ढले

मेरा जीना मेरा मरना इन्ही पलकों के तले

तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है

पलकों की गलियों में चेहरे बहारों के हस्ते हुए

हैं मेरे ख्वाबों के क्या क्या नगर इन में बसते हुए

पलकों की गलियों में चेहरे बहारों के हस्ते हुए

यह उठे सुबह चले यह झुके शाम ढले

मेरा जीना मेरा मरना इन्ही पलकों के तले

तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है

इन में मेरे आने वाले ज़माने की तस्वीर है

चाहत के काजल से लिखी हुई मेरी तकदीर है

इन में मेरे आने वाले ज़माने की तस्वीर है

यह उठे सुबह चले यह झुके शाम ढले

मेरा जीना मेरा मरना इन्ही पलकों के तले

तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है

यह उठे सुबह चले यह झुके शाम ढले

मेरा जीना मेरा मरना इन्ही पलकों के तले

तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है

तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है

Wednesday, August 6, 2008

आओ की कोई ख्वाब बुने-साहिर ludhianvi

आओ की कोई ख्वाब बुने

आओ की कोई ख्वाब बुने कल के वास्ते
वरना ये रात आज के संगीन दौर की
डस लेगी जान-ओ-दिल को कुछ ऐसे की जान-ओ-दिल
ता-उम्र फिर न कोई हसीन ख्वाब बुन सके

[बुनना = to weave; संगीन दौर = hard/difficult times]
[डस लेना = to bite; ता-उम्र = entire life]

गो हम से भागती रही ये तेज़-गाम उम्र
ख्वाबो. के आसरे पे कटी है तमाम उम्र

[तेज़-गाम = fleet footed)

जुल्फों के ख्वाब, होनठो के ख्वाब, और बदन के ख्वाब
मेराज-ऐ-फेन के ख्वाब, कमाल-ऐ-सुखन के ख्वाब

[meraaj-e-fan = (to reach) summit of art; kamaal-e-suKhan = perfection in poetry]

तहजीब-ऐ-जिंदगी के, फरोग-ऐ-वतन के ख्वाब
ज़िंदा.न के ख्वाब, कूचा-ऐ-दार-ओ-रसन के ख्वाब

[tahaziib-e-zindagii = civilized life; faroG-e-vatan = nation's progress/upliftment]
[zindaa.N = prison; kuuchaa-e-daar-o-rasan = road leading to the gallows]

ये ख्वाब ही तो अपनी जवानी के पास थे
ये ख्वाब ही तो अपने अमल के असास थे
ये ख्वाब मर गए है तो बे-रंग है हयात
यू है की जैसे दस्त-ऐ-तह-ऐ-संग है हयात

[amal = work; asaas = foundation; hayaat = life]
[dast-e-tah-e-sang = hands crushed under a stone (helpless)]

आओ की कोई ख्वाब बुने कल के वास्ते
वरना ये रात आज के संगीन दौर की
डस लेगी जान-ओ-दिल को कुछ ऐसे की जान-ओ-दिल
ता-उम्र फिर न कोई हसीन ख्वाब बुन सके